तिलकधारी सिंह महाविद्यालय के प्रांगण में, अमृत महोत्सव का हुआ शंखनाद
हर्षवर्धन सिंह
आपकी आवाज न्यूज, जौनपुर, उत्तर प्रदेश
जौनपुर
आज 19/11/2021 दिन शुक्रवार को तिलक धारी सिंह महाविद्यालय के बलरामपुर सभागार में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी धर्मवीर ने किया कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ उदय सिंह ने बताया कि भारत 2022 में अपना 75 वां स्वाधीनता वर्ष महोत्सव के रूप में मनाने जा रहा जा रहा है। हमारा यह कर्तव्य होता है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सागर का मंथन कर संपूर्ण अमृत बाहर लाएं और राष्ट्र के अज्ञात नायक नायिकाओं के बलिदान को जन जन तक पहुंचा सके। औपनिवेशिक सत्ता ने ना केवल राजनैतिक और आर्थिक शोषण किया अपितु धर्मांतरण एवं भारत विभाजन से हमारे स्व को कमतर किया। स्वतंत्रता संग्राम केवल शोषण के विरुद्ध नहीं था सही अर्थों में यह स्वत्व की पहचान था। प्रत्येक भारतवासी का यह कर्तव्य है कि हम 75 वें स्वाधीनता वर्ष में सही इतिहास को जाने तथा सत्य समुच्चय की पुनः प्रतिष्ठा करें। हमारा अतीत बहुत ही गौरवशाली रहा है हमने शक हूण, कुषाण सिकंदर सब को पराजित किया । 1498 में वास्को डी गामा के भारत आगमन के पश्चात से ही भारत के क्रांतिकारियों ने पुर्तगालियों, डचों, अंग्रेजों और फ्रांसीसियों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजा दिया और इसकी शुरुआत 1741 में राजा मार्तंड वर्मा ने डचों को परास्त करके किया 1763 – 64 में संन्यासियों ने राष्ट्र शत्रुओं से राष्ट्र की रक्षा हेतु स्वयं का सैन्यीकरण किया और अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर युद्ध किए। सिर्फ सन्यासी ही नहीं ग्रामवासी और आदिवासियों ने भी इस स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके उदाहरण भील आंदोलन, संथाल आंदोलन, मुंडा आंदोलन है। संथाल आंदोलन में लगभग 15000 से 20000 सन्थालों ने अपनी कुर्बानी दी। अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति जब पूरे देश में फैली थी तो जौनपुर इससे कैसे अछूता रहता जौनपुर के क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजा दिया। सेनापुर में इनका नेतृत्व यदुवीर सिंह, छांगुर सिंह सहित अनेक क्रांतिकारियों ने किया जबकि हौज में बाल दत्त सिंह के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने सार्जेंट विग वुड को सेना सहित घेर कर मार डाला। सेनापुर में 22 तथा हौज में 54 क्रांतिकारियों को फांसी दी गई। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में टीडी कॉलेज के छात्रों ने दिवाकर सिंह के नेतृत्व में यूनियन जैक को उतार कर फाड़ दिया दमनकारी अंग्रेजों द्वारा लाठीचार्ज और गोलीबारी की गई जिसमें दिवाकर सिंह सहित ब्योमकेश तिवारी, सूबेदार मिश्र सहित कई लोग घायल हुए। धनिया मऊ में क्रांतिकारियों ने जमीदार सिंह के नेतृत्व में क्रांति का बिगुल बजाया। जिसमें अंग्रेजों की गोलीबारी में रामनिहोर कहार सहित कई लोग शहीद हुए। जिस स्वदेशी के दम पर भारत ने 1905 के बंगाल विभाजन को रद्द करा दिया वह आजादी के कई वर्षों बाद 2014 में मेक इन इंडिया के रूप में 2014 भारत द्वारा स्वीकार किया जाता है। जिस महापुरुष ने 562 देशी रियासतों का विलय कर के वर्तमान भारत के स्वरूप को निर्मित किया उसको 2014 में सम्मान मिला। जिन जवानों ने भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है उनके लिए राष्ट्रीय स्मारक है 2019 में बनाया गया। जिस आदिवासी समूह ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उनके नायक बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर 2021 से जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना कर भारत उन सभी शहीदों को सम्मान दे रहा है। हम जिन कमियों के कारण गुलाम हुए जब हम इन कमियों को दूर कर लेंगे तो भविष्य में कभी भी गुलाम नहीं होंगे और क्रांति के नायकों के शौर्य, त्याग, बलिदान से प्रेरणा लेते हुए वैभवशाली, शक्तिशाली भारत का निर्माण कर पाएंगे। कार्यक्रम में अमृत महोत्सव आयोजन समिति के प्रांतीय सदस्य रामचंद्र, जगदीश, अंजलि त्रिपाठी, अतुल, राजीव सिंह,अमित, हर्षवर्धन रहे। कार्यक्रम का संचालन अशोक मिश्र ने किया।